आबूरोड। रिमोट कन्ट्रोल सेन्टर एवं कर्षण वितरण कार्यालय अजमेर का शिलान्यास विद्युत इंजीनियर उत्तर पश्चिम रेलवे जयपुर मुश्ताक अहमद एवं मंडल रेल प्रबंधक अजमेर पुनीत चावला के कर कमलों द्वारा मुख्य परियोजना निदेशक रेल विद्युतीकरण जयपुर प्रमोद कुमार की गरिमामयी उपस्थिति में शुक्रवार को सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर रेलवे अधिकारीगण व कर्मचारी उपस्थित थे। मंडल में प्रस्तावित इस भवन का क्षैत्रफल लगभग 960 वर्गमीटर है एवं अनुमानित लागत 2 करोड़ होगी एवं यह कार्य अप्रेल 2018 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस प्रस्तावित कन्ट्रोल सेन्टर को वर्तमान कन्ट्रोल भवन से जोड कर एकीकृत कन्ट्रोल सेन्टर का निर्माण किया जायेगा।
रिमोट कन्ट्रोल सेन्टर से अजमेर मंडल के ट्रेक्शन सब स्टेशनए सैक्शनिंग एवं पैरेलल पोस्ट तथा सब सैक्शनिंग एवं पैरेलल पोस्ट का परिचालन किया जायेगा एवं करंट वोल्टेज व फाल्ट आदि की मोनिटॅरिंग की जा सकेगी। इसके साथ ही इससे फाल्ट के लोकेशन की जानकारी भी उपलब्ध हो जायेगी। कर्षण वितरण कार्यालय से अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा प्रशासनिक कार्य किया जायेगा। ट्रेक्शन सब स्टेशन पर रेलवे द्वारा हाई वोल्टेज की सप्लाई लेकर 25 किण्वोण् सप्लाई ओवर हैड उपकरण को आपूर्ती की जाती है। सैक्शनिंग पैरेलल पोस्ट एवं सब सैक्शनिंग पैरेलल पोस्ट से एक की सप्लाई को पैरेलल करने के काम आता है। रिमोट कन्ट्रोल सेन्टर एवं कर्षण वितरण कार्यालय भवन में चार कर्षण पावर कन्ट्रोल इकाई एक स्काडा रूमए बैटरी रूम अधिकारियों एवं अधीनस्थ कर्मचारियों के लिये कार्यालय का निर्माण किया जायेगा। अजमेर से उदयपुर खण्ड के रेलमार्ग की दूरी 294.50 किलोमीटर के विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है, जिसकी लागत लगभग 320.18 करोड़ आयेगी एवं यह कार्य दिसम्बर 2018 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। अजमेर से उदयपुर खण्ड में अजमेर से भीलवाडा तक फाउन्डेशन, मास्ट संस्थापन का कार्य पूर्ण हो चुका है। वही मदार.पालनपुर खण्ड में रेल विद्युतीकरण की दूरी 366 किलोमीटर के विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है जिसकी लागत लगभग 512.86 करोड़ आयेगी एवं यह कार्य जनवरी 2019 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। भारतीय रेल में पहली बार मदार अजमेर पालनपुर खण्ड में किया जा रहा है, जिसमें कान्टेक्ट वायर की ऊंचाई 7.57 मीटर केटनरी वायर की ऊंचाई 8.97 मीटर मास्ट की ऊंचाई 11.40 मीटर एवं स्पान 54.00 मीटर होगी जिस पर रेल को लगभग 160 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से संचालित किया जा सकता है।
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